प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वस्तुत: बेंगलुरु टेक समिट का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति तक शासन के लाभों को लेने में प्रौद्योगिकी की संभावनाओं को समझाया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी सरकारी कार्यक्रमों की डिलीवरी को गति देने में मदद करती है और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करती है।
"हो सकता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम हो, आयुष्मान भारत हो या बिजली तक पहुँचने और गरीबों को आश्रय प्रदान करने के लिए, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की नीति उनके त्वरित कार्यान्वयन के लिए तकनीकी समाधान खोजने की है।"
श्री मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में भूमि के शीर्षक प्रदान करने के लिए UPI डिजिटल भुगतान मंच, स्वामी सेवा योजना के बारे में बात की। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि तकनीक ने आम आदमी के जीवन को बेहतर तरीके से बदलना संभव बना दिया है।
आज से शुरू होने वाले तीन दिनों के लिए आयोजित शिखर सम्मेलन में 75 पैनल चर्चाओं में 4000 प्रतिनिधियों, 270 वक्ताओं की भागीदारी दिखाई देगी। शिखर सम्मेलन में 25 तकनीकी राष्ट्र विचारक नेताओं, उद्योग कप्तानों, टेक्नोक्रेट, शोधकर्ताओं, नवप्रवर्तकों, निवेशकों, नीति निर्माताओं और शिक्षकों के साथ भाग ले रहे हैं।
इस आयोजन के दौरान, 12 समझौता ज्ञापनों पर कर्नाटक में निवेश का मार्ग प्रशस्त करने वाले विदेशी देशों के साथ हस्ताक्षर किए जाएंगे। 200 से अधिक भारतीय कंपनियां आभासी प्रदर्शनियों की स्थापना कर रही हैं। कुछ 50 भारतीय तकनीकी स्टार्ट अप यूरोपीय कंपनियों को अपनी तकनीक दिखाएंगे।